श्याम सांवरिया हे गिरधारी आजा मेरे आंगना माखन मिश्री तुम्हें खिलाऊं और झुलाऊं पालना
छोटे छोटे हाथ में तेरे प्यारी मुरली सजा दूं , मोर मुकुट अपने हाथों से तेरे सिर पे बांध दूं खेलन को तुम्हें दूंगी खिलौना आजा रे मनमोहना श्याम सांवरिया....
चन्दन चौकी सजी है थाली भोग लगा ले भाव से , दूध मलाई मटकी भरी है खाले मेरे हाथ से कब से बाट निहारूं तेरी और मोहन तरसाओ न श्याम सांवरिया....
मैं तो अर्जी करूं रे कन्हैया आगे तेरी मर्जी है , आना हो तो जल्दी आजा क्यों करता तू देरी है मुरली की मीठी तान सुना जा टेड़ी मेढ़ी चाल तू चार न श्याम सांवरिया...
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