गौरा जी के लाल को मनाना होगा चरणों में शीश झुकाना होगा उनकी दया का हाथ सिर पे होगा चरणों में शीश झुकाना होगा
कोई सिन्दूर कोई चन्दन चढ़ाता है कोई पान फूल कोई मेवा चढ़ाता है लड्डुओं का भोग लगाना होगा चरणों में शीश झुकाना होगा
सिर पे मुकुट सोहे गले फूल माला है गौरा जी का लाला सारे जग से निराला है भाग्य विधाता बनके आना होगा चरणों में शीश झुकाना होगा
कोई धन मांगे कोई दौलत मांगता कोई बेटा मांगे कोई घर वर मांगता मन की मुराद पूरी करना होगा चरणों में शीश झुकाना होगा
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