तुम तो कैलाश बसे जाने कब आओगे आज काशी कल हरिद्वार दर्श कब दिखाओगे
हम तो भोले मन्दिर में रोज रोज आते हैं मेरे मन मन्दिर में भोले कब आओगे
हम तो भोले मन्दिर में फूल रोज चढ़ाते हैं मेरे मन मन्दिर में फूल कब खिलाओगे
हम तो भोले मन्दिर में दिया रोज जलाते हैं मेरे मन मन्दिर में ज्योति कब जलाओगे
हम तो भोले मन्दिर में ध्यान तेरा करते हैं मेरे मन मन्दिर में दर्श कब दिखाओगे
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