सावन स्पेशल🍀इतना मस्त भजन कीर्तन में धूम मचा देगा🍀माथे पे चन्दा से जग उजियारा जटा से गंगा🍀

 

 

जटा से गंगा टपके ओ डमरू वाले 

कानों में बिच्छू के कुंडल प्यारे माथे पे चन्दा से जग उजियारे नशे में भांग गटके ओ डमरू वाले 

हाथों में त्रिशूल नेत्र तेरे तीन जी डम डम डमरू बाजे बाज रही बीन जी गौरा के संग मटके ओ डमरू वाले 

अंग भभूति सोहे ओढ़े मृगछाला जी रूप है विशाल भोले नंदी पे सवार जी भुजंग अंग लटके ओ डमरू वाले 

महिमा है अपार कोई पार नही पाये जी चरणों में विनती दर्शन देना बारम्बार जी भक्तों का मन अटके ओ डमरू वाले 



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