कैसे मैं शिव को मनाऊं हो शिव मानत नाहीं
माथे मुकुट वाके मनहुं न भावे चंदा कहां मैं पाऊं हो शिव मानत नाहीं ताल तलैया वाके मनहुं न भावे गंगा की धार कहां पाऊं हो शिव मानत नाहीं
हल्दी और रोली वाके मनहुं न भावे अंग भभूति कहां पाऊं हो शिव मानत नाहीं
महल अटारी वाके मनहुं न भावे टूटी झोपड़िया कहां पाऊं हो शिव मानत नाहीं
लड्डू और पेड़ा वाके मनहुं न भावे भांग धतूरा कहां पाऊं हो शिव मानत नाहीं
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