देखो नंदी पे चढ़ के आया भोले बाबा ने ब्याह रचाया
सिर पे लम्बी जटा जैसे काली घटा , सर्पों का हार बनाया
भोले बाबा ने ब्याह रचाया
ब्रम्हा विष्णु हैं साथ लिये ऋषि मुनि नाथ , भूतों की टोली लाया भोले बाबा ने ब्याह रचाया
न टाई न सूट न पैरों में बूट , बाघाम्बर अंग लटकाया भोले बाबा ने ब्याह रचाया
गौरा मन में हंसें सखी ताना कसें ये कैसा वर तूने पाया भोले बाबा ने ब्याह रचाया
तन पे भस्म लगाये भांग खूब चढ़ाये खुद नाचे सबको नचाया भोले बाबा ने ब्याह रचाया
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