मीरा हो गई बदनाम कान्हा तेरे लिए
प्रेम के पथ पे प्रेम पुजारिन पी के प्यार का प्याला , श्याम की माला जपते जपते पी गई जहर का जाम मीरा हो गई बदनाम कान्हा तेरे लिए
रंग पिया के रंग ली चुनरिया हाथ लिये एक तारा , तन मन की सुध भूल गई भूली जग के काम मीरा हो गई बदनाम कान्हा तेरे लिए
महल दुमहले भी सब छोड़े छोड़ दिया परिवार , हरी दीवानी मीरा रानी छोड़ा सुख आराम मीरा हो गई बदनाम कान्हा तेरे लिए
कृष्ण कन्हैया ने जब देखा उसका पावन प्यार , और किसी को जो न दिया मीरा को दिया करतार मीरा हो गई बदनाम कान्हा तेरे लिए
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