हरी भजन🌹करो हरी नाम का सुमिरन🌹जीवन की सच्चाई सुनें इस भजन में योगिनी एकादशी स्पेशल💐

 

 

करो हरी नाम का सुमिरन उसी घर सबको जाना है 

चले न कोई चतुराई वहीं सबका ठिकाना है 

बना एक कांच का मन्दिर उसी में भगवान रहते हैं लिये हैं पेन और कागज सभी की तकदीर लिखते हैं 

लड़कपन खेल में खोया जवानी नींद भर सोया बुढ़ापा देख कर रोया उसी घर सबको जाना है 

वो टूटी बाग की डाली तो रोया बाग का माली बाग को कर चला खाली वहीं सबका ठिकाना है 

पलंग के चार हैं पाये विधाता लेने को आये खुशी से तुम चलो भाई वहीं सबका ठिकाना है 




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