गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है इसी लिए तप करके भोले नाथ को पाया है
कैलाश पर्वत पे शिव जी का बसेरा है शिव जी के चरणों में गौरा माँ का डेरा है शिव शक्ति बन कर के इनकी लीला को रचाया है गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है
मेरे भोले शिव जैसा देव न कोई दूजा पार्वती माँ इनकी दिन रात करें पूजा हर युग में शिव जी का देखो साथ निभाया है गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है
देवों के देव है ये माहाकाल महादेवा गणेश और कार्तिक जी इनकी करे सेवा नंदी भृंगी शिव गण ने जय कारा लगाया है गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है
इक लोटा जल जो भी शिव लिंग पे चढ़ाता है मन की मुरादें सारी शिव शंकर से पाता है अपने सब भक्तों को भव पार लगाया है गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया
No comments:
Post a Comment