भोले का डमरू बजत आवे पार्वती गणपति नचत आवें
ब्रम्हा भी आवें विष्णु भी आवें नारद की वीणा बजत आवे पार्वती गणपति नचत आवें सूरज भी आवें
चंदा भी आवें तारों की झिलमिल चमक आवे पार्वती गणपति नचत आवें रामा भी आवें लक्ष्मण भी आवें
हनुमत के घुंघरू बजत आवें पार्वती गणपति नचत आवें गंगा भी आवें जमुना भी आवें सरयू की लहर उठत आवे
पार्वती गणपति नचत आवें राधा भी आवें दाऊ भी आवें कान्हा की मुरली बजत आवे पार्वती गणपति नचत आवें
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