हनुमत तेरे सहारे मैंने आज सागर में नैया डाल दई
काहे की तेरी नाव बनी है काहे की पतवार , बाबा काहे की लगी है जंजीर सागर में नैया डाल दई
काठ की मेरी नाव बनी है बांस की है पतवार , बाबा लोहे की लगी है जंजीर सागर में नैया डाल दई
कौन नाव में बैठन वाला कौन है खेवनहार , बाबा कौन लगावे बेड़ा पार सागर में नैया डाल दई
राम और लक्ष्मण बैठन वाले केवट खेवनहार , बाबा राम ही लगावें बेड़ा पार सागर में नैया डाल दई
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