अंजनी के लाल हनुमान आज मेरा संकट हरो
लाखों को तारे लाखों उबारे हमको भी तारो हनुमान आज मेरा संकट हरो
लक्ष्मण के शक्ति वाण लगो जब लाये संजीवन उतार आज मेरा संकट हरो
लंका में जब ये हलचल मची थी विभीषण की कुटिया कैसे बची थी कुटिया में लिखा राम राम आज मेरा संकट हरो
तुलसीदास आस रघुवर की राम जी के भक्त हनुमान आज मेरा संकट हरो
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