कर दो दूर हरी मेरे मन में अंधेरा है जब से तेरी लगन लगी हुआ मन में सबेरा है
मीरा पुकार रही गिरधर आ जाओ , जहर के प्याले में मेरे श्याम का बसेरा है
शबरी पुकार रही राम मेरे आ जाओ , खट्टे मीठे बेरों में मेरे राम का बसेरा है
द्रोपदी पुकार रही कृष्ण मेरे आ जाओ , साड़ी के पल्लू में मेरे श्याम का बसेरा है
भक्त पुकार रहे हरी मेरे आ जाओ , अब हम डाल दिया तेरे दर पे डेरा है
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