आयो है ब्रत ग्यारस को राधा ने करी एकादशी
कहो तो राधा तुम्हें भोजन कराय दूं गोरो बदन कुम्हलाय छोड़ देव एकादशी
भोजन तो केवल भूख मिटावे एकादशी करे उद्धार न छोड़ूं एकादशी आयो है ब्रत ग्यारस को राधा ने करी एकादशी
कहो तो राधा तुम्हें पानी पिलाय दूं गोरो बदन कुम्हलाय छोड़ देव एकादशी
पानी तो केवल प्यास बुझावे एकादशी करे उद्धार न छोड़ूं एकादशी आयो है ब्रत ग्यारस को राधा ने करी एकादशी
कहो तो राधा तुम्हें पेड़ा खिलाय दूं गोरो बदन कुम्हलाय छोड़ देव एकादशी
पेड़ा तो केवल जीभा का स्वाद है एकादशी करे उद्धार न छोड़ूं एकादशी आयो है ब्रत ग्यारस को राधा ने करी एकादशी
कहो तो राधा तुम्हें गहना दिलाय दूं खूब सजो तुम आज छोड़ देव एकादशी
गहना तो केवल अंगो की शोभा एकादशी करे उद्धार न छोड़ूं एकादशी आयो है ब्रत ग्यारस को राधा ने करी एकादशी
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