सांची कहूं तेरे आने से सतगुरु मनुवा में आई बहार सतगुरु
मन में जो फैला था माया का डेरा जब से हुआ तेरा सतगुरु फेरा दुनिया बदल गई हालत संभल गई जीवन हुआ खुशहाल गुरु जी मनुवा में आई बहार गुरु जी
सारी उमरिया गलतफहमी में जी ली अब तो लगालो सतगुरु से प्रीति सत्संग की गंगा में गोता लगालो नैया लगा देंगे पार गुरु जी मनुवा में आई बहार गुरु जी
मोह माया से फंदा हटाले सतगुरु हमें अब तू ही संभाले देखो शरण हम आये हैं तेरे मुक्ति के दाता हमार गुरु जी मनुवा में आई बहार गुरु जी
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