सदगुरु मेरे सिर के ताज मैं चरणों की दासी
सदगुरु जीवन के पालनहार मैं चरणों की दासी
सदगुरु मेरे की यही है निशानी , सिर पे मुकुट गले हार मैं चरणों की दासी
सदगुरु मेरे की यही है निशानी , कानों में कुण्डल मुख में राम मैं चरणों की दासी
सदगुरु मेरे ने नाव बनाई , जो कोई चढ़ जाये नैया पार मैं चरणों की दासी
सदगुरु मेरे ने दिया है आत्मज्ञान , जो कोई भज ले हरी का नाम मैं चरणों की दासी
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