मेरे विरह में पीर सखी बृंदावन जाऊंगी मुरली बाजे यमुना तीर सखी बृंदावन जाऊंगी
छोड़ दिया मैंने भोजन पानी श्याम की याद में , मेरे नैनन बरसे नीर सखी बृंदावन जाऊंगी
श्याम सलोनी सूरत पे दीवानी हो गई , अब कैसे धरूं मैं धीर सखी बृंदावन जाऊंगी
मैंने इस दुनिया के रिश्ते नाते सब ही तोड़ दिये , तुम्हें कैसे दिखाऊं दिल चीर सखी बृंदावन जाऊंगी
मेरे नैन लड़े गिरधारी से मैं पागल हो गई , दुनिया से हुई अधीर सखी बृंदावन जाऊंगी
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