बृंदावन में भोले नाचें रूप बनाया नारी का
गौरा जैसी बिंदिया लगाई पहने मांगों में टीका , ठुमुक ठुमुक के चाल चलें वो रूप बनाया नारी का
गौरा जैसी मेहंदी लगाई कानों में पहने झुमका , चूड़ी कंगना भर भर पहनें रूप बनाया नारी का
गौरा जैसी साड़ी पहने सिर पे चुनरी गोटा लगा , लम्बा घूंघट मार चले वो रूप बनाया नारी का
कान्हा ने जब मुरली बजाई भोले ने सुध बिसराया , खुल गया भोले जी का घूंघट रूप बनाया नारी का
Beautiful
ReplyDelete