मुझे दुखी करे संसार भोला यूं बोला
रोज सबेरे बुढ़िया आवें एक लोटा वो जल का लावें मेरी चोटी में लग गई धार भोला यूं बोला वो मांगे मुक्ति का द्वार भोला यूं बोला
रोज सबेरे बुड्ढा आवें एक लोटा वो जल का लावें मेरी चोटी में लग गई धार भोला यूं बोला वो मांगे दर्श हमार भोला यूं बोला
रोज सबेरे लड़के आवें एक लोटा वो जल का लावें मेरी चोटी में लग गई धार भोला यूं बोला वो तो मांगे सुंदर नारि भोला यूं बोला
रोज सबेरे लड़कियां आवें एक लोटा वो जल का लावें मेरी चोटी में लग गई धार भोला यूं बोला वो तो मांगे घर परिवार भोला यूं बोला
रोज सबेरे बहुएं आवें एक लोटा वो जल का लावें मेरी चोटी में लग गई धार भोला यूं बोला वो तो मांगे गोदी का लाल भोला यूं बोला
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