कृष्ण भजन : गिरधर नागर प्रेम के सागर (ऐसा मीठा भजन आपको आनंद से भर देगा जरुर सुनिए)

 

 

नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविन्दा श्याम सुन्दर मुख चन्दा भजो रे मन गोविन्दा 

तू ही नटवर तू ही नागर तू ही वाल मुकुन्दा भजो रे मन गोविन्दा 

सब देवों में कृष्ण बड़े हैं ज्यों तारों में चन्दा भजो रे मन गोविन्दा 

सब सखियन में राधा जी बड़ी हैं ज्यों नदियन में गंगा भजो रे मन गोविन्दा 

कालीदह पे नाग को नाथा फन पर नृत्य करंदा भजो रे मन गोविन्दा 

ध्रुव तारे प्रहलाद उबारे नरसिंह रूप धरंगा भजो रे मन गोविन्दा 

गज को मार ग्राह को तारो गज के फंद छुड़ंगा भजो रे मन गोविन्दा 

बृंदावन की कुंज गलिन में रास रचायो मुकुन्दा भजो रे मन गोविन्दा 

मीरा के प्रभू गिरधर नागर , गिरधर नागर प्रेम के सागर काटो यम के फंदा भजो रे मन गोविन्दा




Share:

No comments:

Post a Comment