हरी दीवानी मीरा रानी जाके राणा से कहियो मैं गोविंद के गुण गाऊंगी तुम देखते रहियो
तुम गोविंद के गुण गाओगी मैं कांटों की सैय्या भेजूंगा , तुम कांटों की सैय्या भेजोगे मैं फूल समझ के सो लूंगी , नही डरूंगी नही डरूंगी जाके राणा से कहियो मैं गोविंद के गुण गाऊंगी तुम देखते रहियो
तुम गोविंद के गुण गाओगी मैं कारागृह में डालूंगा , तुम कारागृह में डालोगे मैं मन्दिर उसे बना लूंगी , नही डरूंगी नही डरूंगी जाके राणा से कहियो मैं गोविंद के गुण गाऊंगी तुम देखते रहियो
तुम गोविंद के गुण गाओगी मैं सर्प पिटारा भेजूंगा , तुम सर्प पिटारा भेजोगे मैं हरी के दर्शन कर लूंगी , नही डरूंगी नही डरूंगी जाके राणा से कहियो मैं गोविंद के गुण गाऊंगी तुम देखते रहियो
तुम गोविंद के गुण गाओगी मैं विष का प्याला भेजूंगा , तुम विष का प्याला भेजोगे मैं अम्रत समझ के पी लूंगी , नही डरूंगी नही डरूंगी जाके राणा से कहियो मैं गोविंद के गुण गाऊंगी तुम देखते रहियो
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