सुहाग गीत : शादी की सालगिरह आई गौरी मैया दे दो आशीष (सातों जन्म रहें साथ एक बार जरूर सुनें)

 

 

शादी की सालगिरह आई कि गौरी मैया दे दो आशीष 

अर्जी लगाऊं हाथ जोड़ कि खिली रहे बगिया मेरी 

पहला आशीष मेरे मांगों का देना , भरी रहे मांग सिंदूर कि गौरी मैया दे दो आशीष 

दूजा आशीष मेरे हाथों का देना , मेहंदी से रचें दोनों हाथ कि गौरी मैया दे दो आशीष 

तीजा आशीष मेरे पैरों का देना , महावर से भरे रहें पांव कि गौरी मैया दे दो आशीष 

चौथा आशीष मेरे अंगों का देना , ओढूं चुनरिया लाल कि गौरी मैया दे दो आशीष 

पांचवां आशीष मेरी गोदी का देना , बने रहें मेरे नंदलाल कि गौरी मैया दे दो आशीष 

छठवां आशीष मेरे पिया का देना , सातों जन्म रहें साथ कि गौरी मैया दे दो आशीष 




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