रात मात सपने में आईं हो रही जय जयकार लांगुरिया मोहे ले चल रे मैया के दरबार
न चहिए मेरे महल दोमहले , न रहने को शौक लांगुरिया मोहे ले चल रे मैया के दरबार
न चहिए मेरे हंसुली खड़ुआ , न चहिए मोहे हार लांगुरिया मोहे ले चल रे मैया के दरबार
न चहिए मोहे हलुआ पूड़ी , न खाने को शौक लांगुरिया मोहे ले चल रे मैया के दरबार
न चहिए मोहे मोटर गाड़ी , न बैठने को शौक लांगुरिया मोहे ले चल रे मैया के दरबार
न चहिए मोहे छोरा छोरी , न खिलाने को शौक लांगुरिया मोहे ले चल रे मैया के दरबार
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