तेरा कटरा है स्थान स्थान गुफा में बैठीं वैष्णों मां
मां के माथे मुकुट बिराज रहा , कानो में झुमका साज रहा
मां की चूनर का रंग लाल हो लाल गुफा में बैठीं वैष्णों मां
मां को ब्रम्हा विष्णु ध्याय रहे , भोले बाबा ध्यान लगाय रहे
मां के शेर खड़े दरबार दरबार गुफा में बैठीं वैष्णों मां
मां के आगे आगे हनुमत हैं , मां के पीछे भैरव बाबा हैं
तेरे भक्त करें जयकार जयकार गुफा में बैठीं वैष्णों मां
मां के दर पे जो भी आता है , मुंह मंगिया मुरादा पाता है
तेरी महिमा सबसे महान महान गुफा में बैठीं वैष्णों मां
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