जगदम्बा हमरी झूलत होइयें निमिया की डार मैया हमरी झूलत होइयें निमिया की डार
एक पांव धरें मैया धरती पातलवा , अंचरा ओढ़त होइयें छुये के आकाश मैया हमरी झूलत होइयें निमिया की डार
माथे मुकुट सोहे गले चंद्रहार हो , चम चम चमकत होइये बिंदिया ललाट मैया हमरी झूलत होइयें निमिया की डार
झुलवा झुलत मां को लगी हैं प्यासिइयां , चली आओ आओ मैया हमरे द्वार मैया हमरी झूलत होइयें निमिया की डार
झुलवा झुलत मैया चरण दुखत होइयें , रख लो न हमको मैया सेवक बनाय मैया हमरी झूलत होइयें निमिया की डार
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