हरी भजन : इतना सुन्दर भजन आपने अभी तक नही सुना होगा एक बार जरूर सुनें (कामदा एकादशी स्पेशल)

 

 

भाव बिन मिलें नही भगवान ओ भगवान को भजने वाले मन से कर ले ध्यान भाव बिन मिलें नही भगवान 

दुर्योधन की छोड़ी मेवा विदुरानी की भा गई सेवा 

श्रद्धा और समर्पण से ही रीझे करूणानिधान भाव बिन मिलें नही भगवान 

झूठे फल शबरी ने खिलाये राम ने रूचि रूचि भोग लगाये 

जो ढूंड़े उसको मिल जाये कहते वेद पुराण भाव बिन मिलें नही भगवान 

ध्रुव प्रहलाद सुदामा मीरा नरसी भगत की मिटाई पीड़ा 

भूल गए मोहन ठकुराई बन गए ये घड़वान भाव बिन मिलें नही भगवान 

भाव बिना भक्ति न सुहावे बिना गुरु के ज्ञान न आवे 

राह न पावे रसिक बनवारी रे तू मूर्ख नादान भाव बिन मिलें नही भगवान 




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