जैसा चाहो वैसा समझना बस मैया है इतना कहना मांगने की आदत मेरी जाती नही है तेरे आगे लाज मैया आती नही है
बड़े बड़े पैसे वाले भी द्वार तुम्हारे आते हैं , मुझको भी मालूम है मैया तुझसे मांग के खाते हैं , देने में तू मां घबड़ाती नही है तेरे आगे लाज मैया आती नही है
तुझसे मैया शरम करूं तो और कहां पे जाऊं मैं , अपने इस परिवार का खर्चा बोल कहां से लाऊं मैं , ये दुनिया तो बिगड़ी बनाती नही है तेरे आगे लाज मैया आती नही है
तू ही करती चिंता मेरी तभी गुजारा चलता है , कहें भक्त मां तुमसे ज्यादा कोई नही कर सकता है , झोली हर कहीं फैलाई जाती नही है तेरे आगे लाज मैया आती नही है
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