राम नाम सुखदाई भजन करो भाई ये मेला दो दिन का
ये तन है कागज की पुड़िया , हवा चले उड़ जाई भजन करो भाई ये मेला दो दिन का
ये तन है मिट्टी का ढेला , बूंद पड़े गल जाई भजन करो भाई ये मेला दो दिन का
ये तन है फूलों की माला , धूप लगे मुरझाई भजन करो भाई ये मेला दो दिन का
ये तन है जंगल की लकड़ी , आग लगे जल जाई भजन करो भाई ये मेला दो दिन का
ये तन है पानी का बुलबुला , लहर चले मिट जाई भजन करो भाई ये मेला दो दिन का
ये तन है सपनों की माया , आंख खुले कुछ नाहीं भजन करो भाई ये मेला दो दिन का
ये तन है भूतों की नगरी , मार पड़े भग जाई भजन करो भाई ये मेला दो दिन का
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