ओढ़ी ओढ़ी रे मैया जी ने लाल चुनरी , लाल चुनरी गोटेदार चुनरी ओढ़ी ओढ़ी रे मैया जी ने लाल चुनरी
सतयुग में मां जन्म लियो है शक्ति मां कहलाईं , भोले संग में ब्याह रचाया हवन में गईं समाई , रोये रोये भोले बाबा देख चुनरी
त्रेता युग में जन्म लियो है सीता मां कहलाईं , राम के संग में ब्याह रचाया वन में गईं चुराई , रोये रोये रामचंद्र जी देख चुनरी
द्वापर में मां जन्म लियो है द्रोपदी मां कहलाईं , पाण्डव संग में ब्याह रचाया जुयें में गईं हराई , रोये रोये पांचो भाई देख चुनरी
कलियुग में मां जन्म लियो है वैष्णों मां कहलाईं , भैरव बाबा पीछे पड़ गए गुफा में गईं समाईं , रोये रोये लांगुर भैरव देख चुनरी
No comments:
Post a Comment