माता भजन : वैष्णों मां कहलाईं (एक बार फिर दिल में बस जाने वाला भजन सुनें नवरात्रि स्पेशल)

 

 

ओढ़ी ओढ़ी रे मैया जी ने लाल चुनरी , लाल चुनरी गोटेदार चुनरी ओढ़ी ओढ़ी रे मैया जी ने लाल चुनरी 

सतयुग में मां जन्म लियो है शक्ति मां कहलाईं , भोले संग में ब्याह रचाया हवन में गईं समाई , रोये रोये भोले बाबा देख चुनरी 

त्रेता युग में जन्म लियो है सीता मां कहलाईं , राम के संग में ब्याह रचाया वन में गईं चुराई , रोये रोये रामचंद्र जी देख चुनरी 

द्वापर में मां जन्म लियो है द्रोपदी मां कहलाईं , पाण्डव संग में ब्याह रचाया जुयें में गईं हराई , रोये रोये पांचो भाई देख चुनरी 

कलियुग में मां जन्म लियो है वैष्णों मां कहलाईं , भैरव बाबा पीछे पड़ गए गुफा में गईं समाईं , रोये रोये लांगुर भैरव देख चुनरी 




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