बेटा बुलाये झट दौड़ी चली आये मां अपने बच्चों के आंसू देख नही पाये मां बेटा बुलाये झट दौड़ी चली आये मां
वेद पुराणों में भी मां की महिमा का बखान है , वो भी झुकता मां चरणों में जिसने रचा जहान है , देव रिषी भी समझ न पाये ऐसी लीला रचायें मां
बेटा बुलाये झट दौड़ी चली आये मां
संकट हरनी वरदानी मां सबके दुखड़े दूर करें , शरण में आए दीन दुखी की विनती मां मंजूर करें , सारा जग जिसको ठुकराये उसको गले लगाये मां
बेटा बुलाये झट दौड़ी चली आये मां
विगड़ी तेरी बात बनेगी मां की महिमा गाके देख , खुशियों से भर जायेगा तू झोली तो फैला के देख , झोली छोटी पड़ जाती है जब देने पे आयें मां
बेटा बुलाये झट दौड़ी चली आये मां
हमने तेरी कचहरी में मां लिखकर भेजी अर्जी है , अपना ले चाहे ठुकरा दे आगे तेरी मर्जी है , भक्त तुम्हारे शीष झुकायें जो भी हुकुम सुनाये मां
बेटा बुलाये झट दौड़ी चली आये मां
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