होली आई रे कन्हाई रंग छलके सुना दे जरा बांसुरी
बरसे गुलाल रंग मेरे अंगनवा अपने ही रंग मोहे रंग दे सजनवा , तेरे कारन घर से आई हूं निकल के सुना दे जरा बांसुरी
छूटे न रंग ऐसी रंग दे चुनरिया धोविया धोये चाहें सारी उमरिया , मोहे भाये न हरजाई रंग हल्के सुना दे जरा बांसुरी
होली घर आई तू भी आ जा मुरारी मन ही मन राधा रोये विरहा की मारी काहे छोड़ी रे कलाई संग चलके सुना दे जरा बांसुरी
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