शिव भजन : सर्पों का जनेऊ बनाया कैलाश पे आनंद छाया (शिवरात्रि स्पेशल बहुत ही मनमोहक मधुर भजन)

 

शिवशंकर ने डमरू बजाया कैलाश पे आनंद छाया 

भोले बाबा ने डमरू बजाया कैलाश पे आनंद छाया 

भोले पीते हैं भंग शीश रहती हैं गंग डम डम डम डमरू बजाया कैलाश पे आनंद छाया 

भस्मी अंग में रमाये मृगछाला बिछाये सर्पों का जनेऊ बनाया कैलाश पे आनंद छाया 

बायें गौरा बिराजें गोदी गणपति बिराजें कैसा सुंदर है भेष बनाया कैलाश पे आनंद छाया 

बम बम भोले महाराज राखो भक्तों की लाज सब भक्तों ने दर्शन पाया कैलाश पे आनंद छाया 




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