ये सखी नारद जी के गौरा का बिगाड़ी है बर खोजन बौराय
सब वर आवें हाथी से घोड़ा जुड़ले गौउवां जवार , ये सखी बैल चढ़े आयो शिव भोले ससुरलिया सर्फ छोड़त फुंकार
सब वर पहने धोती और कुर्ता काजल चन्दन सिंगार , ये सखी भोले बाबा पहने मुंड की माला नगर में मची हाहा कार
अंगूठी और घड़ी खातिर सब वर रूठें आवें जब ससुराल , ये सखी भोले औघड़ भंगिया खातिर रूठे दूल्हा के कैसे संस्कार
भोले वर देखके मैना महतारी रोवें अंगना में ठाड़ , ये सखी ऐसे पागल वर से गौरा नाही ब्याहें भले गौरा रहियें क्वांर , ये सखी
हाथ जोड़ खड़ी गौरा विनती करें राखो स्वामी लाज हमार
ये सखी इतने में रूप बदले महादेव दूल्हा सुंदर सुकमार , भभूति रमाये अंग चन्दन लगाये सुंदर रूप अपार ये सखी ऐसे सुंदर वर से गौरा बयहवे गौरा नाही रहियें क्वांर
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