राम भजन : एक भक्त भगवान को ढूंढ़ रहा है (मन को छूने वाला मीठा भजन एक बार आप भी जरूर सुनें)

 

 

धरती से गगन तक ढूंढ़ा रे मेरे राम न जाने कहां गये 

पूरब में ढूंढ़ा पश्चिम में ढूंढ़ा , ढूंढ़ा चारो धाम रे मेरे राम न जाने कहां गये 

चन्दा में ढूंढ़ा सूरज में ढूंढ़ा , ढूंढ़ा चारो धाम रे मेरे राम न जाने कहां गये 

गंगा में ढूंढ़ा यमुना में ढूंढ़ा , ढूंढ़ा चारो धाम रे मेरे राम न जाने कहां गये 

मन्दिर में ढूंढ़ा मस्जिद में ढूंढ़ा , ढूंढ़ा चारो धाम रे मेरे राम न जाने कहां गये 

श्रषियों में ढूंढ़ा भक्तों में ढूंढ़ा , ढूंढ़ा चारो धाम रे मेरे राम न जाने कहां गये 




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