मिलते नही दोबारा हैं करो मात पिता की सेवा
मात पिता हैं रूप गुरु का पार करन का एक तरीका वेद पुराण पुकारा रे करो मात पिता की सेवा
ये जिंदगानी बस है दस दिन की कद्र करे न जो नर इनकी फिरता मारा मारा रे करो मात पिता की सेवा
जितने तीर्थ हैं दुनिया में सबके सब हैं अपने घर में बहे आनंद गंगा धारा रे करो मात पिता की सेवा
जो नर चाहें ये सुख न्यारा रहिए मात पिता का प्यारा मिट जाये दुखड़ा सारा रे करो मात पिता की सेवा
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