मुझे वैष्णो पंहुचा दे रे ओ ननदी के वीरा
हरिद्वार से टिकट कटाया जम्मू पंहुची जाय मुझे कटरा पहुंचा दे रे ओ ननदी के वीरा
वाण गंगा मन है चंगा पानी है अति ठंडा मुझे गोता लगवा दे रे ओ ननदी के वीरा
अर्द्धकुमारी लगती प्यारी गर्भ जून कहलाये मुझे पार लगवादे रे ओ ननदी के वीरा
हाथी मत्था माथा टेकूं दिल मेरा घबड़ाए मुझे मत्था टिकवा दे रे ओ ननदी के वीरा
भवन मैया के पहुंची जब मैं पिंडी दर्शन पाये भैरव दर्शन करा दे रे ओ ननदी के वीरा
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