डूबते को बचा लेने वाले मेरी नैया है तेरे हवाले
लाख अपनों को मैंने पुकारा सबके सब कर गये हैं किनारा कोई अपना न देता दिखाई सिर्फ तेरा ही अब तो सहारा कौन तुम बिन भंवर से निकाले मेरी नैया है तेरे हवाले
जिस समय तू बचाने को आये आग में भी बचाकर दिखाये जिसपे तेरी दया द्रष्टि होवे कभी उसपे नहीं आंच आये आंधियों में भी तू ही संभाले मेरी नैया है तेरे हवाले
प्रथ्वी सागर और पर्वत बनाये तूने धरती पे दरिया बहाये चांद सूरज करोड़ों सितारे तूने आकाश में भी खिलाये तेरे सब काम जग से निराले मेरी नैया है तेरे हवाले
बिन तेरे चैन मिलता नहीं है फूल आशा का खिलता नहीं है तेरी मर्जी बिना इस जहां में एक पत्ता भी हिलता नहीं है तेरे वश में अंधेरे उजाले मेरी नैया है तेरे हवाले
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