राम भजन : रे मन ठहर जरा श्री राम जी के चरणों में (तेरा उद्धार होगा बैठ राम जी के चरणों में)

 

 

रे मन ठहर जरा श्री राम जी के चरणों में आ मन प्रीति लगा श्री राम जी के चरणों में 

सुबह और शाम हुई जिन्दगी तमाम हुई जिन्दगी को अपना बना बैठ राम जी के चरणों में 

ये जग सपना है कोई नही अपना है राम जी को अपना बना बैठ राम जी के चरणों में 

क्या तू लाया है क्या ले जायेगा राम जी से लगन लगा बैठ राम जी के चरणों में 

काम और क्रोध तेरा कुछ न बिगाड़ेंगे नाम वाली ज्योत जगा बैठ राम जी के चरणों में 

करुणा की एक नजर पड़ जाये तुझपे अगर तेरा उद्धार होगा बैठ राम जी के चरणों में 




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