बालाजी से प्यार मेरा बहुत पुराना है आज मेरे अंगना में बालाजी को आना है
राम के दीवाने हैं वो मैं तो उनकी दीवानी बालाजी की राहों में अपना जीवन बिताना है
राम राम जपते हैं मेरे बाबा खुश रहते हैं अपने भक्तों पे बाबा प्यार लुटाते हैं
राम राम जपो भक्तों मेरे बाबा खुश रहते हैं सिंदूर का तिलक करो मेरे बाबा को रिझाना है
No comments:
Post a Comment