एकादशी भजन : आई आई रे ग्यारस जप लो हरी (तुलसी मैया में जल देना शाम को दिया जलाना)

 

 

आई आई रे ग्यारस जप लो हरी , जप लो हरी तुम भज लो हरी आई आई रे ग्यारस जप लो हरी 

तुलसी मैया में जल देना शाम को दिया जलाना 

आई आई रे ग्यारस जप लो हरी 

गऊ माता की सेवा करना रोटी रोज खिलाना 

आई आई रे ग्यारस जप लो हरी 

भूखे को तुम भोजन देना प्यासे को पानी पिलाना 

आई आई रे ग्यारस जप लो हरी 

धर्म-कर्म तुम करते रहना मन न किसी का दुखाना 

आई आई रे ग्यारस जप लो हरी 




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