हनुमान भजन : राम के रंग में रंगे हैं राम सांसों में रमे (बहुत सुंदर भजन आपको जरूर पसंद आयेगा)

 

राम का ऐसा दीवाना दूसरा कोई नहीं 

कहता है सारा जमाना दूसरा कोई नहीं 

खोज सीता जी की लाये सोने की लंका जलाये धीर रघुवर को बधांये दूसरा कोई नहीं 

राम के रंग में रंगे हैं राम सांसों में रमे हैं राम सीने में बसे हैं दूसरा कोई नहीं 

राम की सेवा में जीवन कर दिया जिसने समर्पण राम को अभिमान जिनपे दूसरा कोई नहीं 

राम जी का भक्त ऐसा न हुआ न होगा कोई राम भी मोहित हैं जिसपे दूसरा कोई नहीं 




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