शिव वन्दना : भोलेनाथ तुम्हारे मन्दिर में नित(जो भूल चूक हो माफ करो)ये नहीं सुना तो क्या सुना

 

 

भोलेनाथ तुम्हारे मन्दिर में नित दरश तुम्हारा करते हैं जो भूल चूक हो माफ करो चरणों में शीष झुकाते हैं 

अज्ञानी हूं कोई ज्ञान नहीं एक तेरे सिवा मेरा कोई नहीं मुझे अपना बना लो शिवशंकर चरणों में शीष झुकाते हैं 

जो भूल चूक हो माफ करो चरणों में शीष झुकाते हैं 

तुम सारे जग के स्वामी हो तुम मेरे अन्तर्यामी हो तेरा निश दिन ध्यान धरूं भोले तेरे नाम की माला जपते हैं 

भोलेनाथ तुम्हारे मन्दिर में नित दरश तुम्हारा करते हैं 




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