जय भोलेनाथ बाबा जय हो भंडारी जय हो कैलाशपति जय हो त्रिपुरारी जय भोलेनाथ बाबा जय हो भंडारी
दुखियों के तूने कारज संवारे जो भी आया भगवान तेरे द्वारे कर दिया कल्याण बाबा कर दिया कल्याण जय भोलेनाथ बाबा जय हो भंडारी
तेरी जटाओं में गंगा का पानी गंगा के पानी में शक्ति रूहानी मस्तक का चन्द्रमा पीर हरे सारी जय भोलेनाथ बाबा जय हो भंडारी
तन पे भभूति गले मुंड माला दो नैनों में मस्ती तीसरे में ज्वाला दर्शनों की भीख मांगे सारे पुजारी जय भोलेनाथ बाबा जय हो भंडारी
हंस हंस के धरती का विष पीने वाले महादेव नीलकंठ जग से निराले सृष्टि ये गाये महिमा तुम्हारी जय भोलेनाथ बाबा जय हो भंडारी
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