हम पर चलाय गयो टोना किशोर मेरा सांवरा सलोना
देख के श्याम को घुंघटा बनाई फिर भी नजर से बच न पाई क्योंकि तनिका सा खुला रहा कोना किशोर मेरा सांवरा सलोना
ऐसा जादू किया मेरे मन में बस में न मन मेरा काबू न तन पे सारा जीवन हुआ है खिलौना किशोर मेरा सांवरा सलोना
काय करूं कुछ समझ न आवे सारी सखियां बन बन धावे अरि ऐसा हुआ न कभी न किशोर मेरा सांवरा सलोना
जित देखूं उत श्याम दिखाये अंग अंग में मेरे श्याम समाये श्याम बिना मुझे आता है रोना किशोर मेरा सांवरा सलोना
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