कृष्ण भजन : हे मुरलीधर माधव नंदलाल चले आओ (कृष्ण कन्हैया का मन को छूने वाला भजन सुनिए)

 

गोविन्द चले आओ गोपाल चले आओ हे मुरलीधर माधव नंदलाल चले आओ 

आंखों में बसे हो तुम धड़कन में धड़कते हो कुछ ऐसा करो भगवन सांसों में समा जाओ 

एक बार प्रभू आओ चाहें आके चले जाना जाने नही देंगे तुम्हें जरा जाके तो दिखलाना 

तेरे दर्शन को मोहन ये नैन तरसते हैं एक पल भी चैन नही अब और न तड़फाओ 

वो कौन घड़ी होगी वो कौन सा पल होगा तेरे दर्शन को मोहन मेरा जन्म सफल होगा 




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