हरी भजन : जपो रे हरी का नाम ये जीवन दो दिन का (आपने ये भजन अभी तक कहीं नहीं सुना होगा सुनें)

 

ले लो ले लो रे हरी का नाम ये जीवन दो दिन का 

जपो जपो रे हरी का नाम ये जीवन दो दिन का 

बनवाये तूने कोठी बंगला कंचन शीषा जड़ाये सब यहीं खड़े रह जायें ये जीवन दो दिन का 

धन दौलत तूने खूब कमाया भरे तिजोड़ी बक्से वो तो यहीं पड़े रह जायें ये जीवन दो दिन का 

तन को तूने खूब सजाया दर्पण देख मुस्काय ये तन माटी में मिल जाये ये जीवन दो दिन का 

बहू बेटे तेरे काम न आवें स्वार्थ के सब साथी धन लूट लूट ले जायें ये जीवन दो दिन का 

कर ले कमाई हरी नाम की कौड़ी लगे न दाम सच्ची भक्ति तेरे संग जाये ये जीवन दो दिन का 




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