हरि हरि बोल तू तर जायेगा तर जायेगा तू तर जायेगा नाम जगत में कर जायेगा कर जायेगा तू कर जायेगा
काया माया येसब है जंजाल नाम हरि का इस दुनिया में सार हरि बोल दे मुख खोल दे माया मोह का गम नही और यहां पे तेरा घर नही हरि हरि बोल तू तर जायेगा तर जायेगा तू तर जायेगा
लख चौरासी यानों में इंसान हरि का तू बंदे कर ले गुणगान तू कर जतन अनमोल तन तू घड़ा पाप का भर नही और यहां पे तेरा घर नही हरि हरि बोल तू तर जायेगा तर जायेगा तू तर जायेगा
काया माया काम क्रोध को छोड़ लोभ मोह से अपना मुख तू मोड़ तू कर जतन अनमोल तन तुझे मिलेगा चोला नर नही और यहां पे तेरा घर नही हरि हरि बोल तू तर जायेगा तर जायेगा तू तर जायेगा
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