जनकपुर जगमग होवे री जानकी ब्याहने आये राम
काहे के चार कलश धरे हैं काहे की वंदनवार जानकी ब्याहने आये राम
चांदी के चार कलश धरे हैं मोतियन वंदनवार जानकी ब्याहने आये राम
दान भी दीन्हा दहेज भी दीन्हा दीन्हा नौलखा हार जानकी ब्याहने आये राम
जानकी जैसी वेटी दीन्हा दीन्हे सगुन हजार जानकी ब्याहने आये राम धन्य राजा जनक
धन्य हैं सुनैना सबका करें सत्कार जानकी ब्याहने आये राम
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