मेहँदी गीत : गोरे गोरे हाथ बन्नी के (ऐसा मेहंदी गीत जो आपने कभी नहीं सुना होगा एकदम नया)

 

 

गोरे गोरे हाथ मेरी बन्नी के मैं तो मेहंदी रचाऊंगी 

बागों में जाके हरी मेहंदी तोड़ लाऊंगी पत्तियों को पीस के इत्र मिलाऊंगी बन्नी के लगाऊं दोनों हाथों में मैं तो मेहंदी रचाऊंगी 

मेहंदी का लाल लाल रंग खूब आया है बन्नी के हाथों में कंगना सजाया है खन खन खनके बन्नी का कंगना मैं तो मेहंदी रचाऊंगी 

लाल लाल लहंगा तन पे सजाया है प्यारी प्यारी बन्नी को दुल्हन बनाया है चम चम चमके बन्नी की चुनरी मैं तो मेहंदी रचाऊंगी 



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