आजकल के बन्ना बन्नी रोज घूमने जाते हैं , रोज घूमने जाते हैं और माथे की बिंदिया लाते हैं , माथे की बिंदिया लाते हैं और
फिर ये गाना गाते हैं बिंदिया चमकेगी चूड़ी खनकेगी तेरी नींद उड़े तो उड़ जाये
कानो के झुमका लाते हैं और फिर ये गाना गाते हैं झुमका गिरा रे बरेली की बाजार में
गले का हरवा लाते हैं और फिर ये गाना गाते हैं मुझे नौलखा मंगा दे रे ओ सैंया दीवाने
हाथों की चूड़ियां लाते हैं और फिर ये गाना गाते हैं मेरे हाथों में नौ नौ चूड़ियां हैं जरा ठहरो सजन मजबूरियां हैं
No comments:
Post a Comment